खबर का असर जागा प्रशासन : दो फव्वारों में स्नान, पंचक्रोशी में बढ़ेगी व्यवस्था

संभागायुक्त, आईजी, कलेक्टर, एसपी और आयुक्त पहुंचे निरीक्षण करने

5 अप्रैल को भूतड़ी अमावस्या पर हजारों श्रद्धालु कालियादेह महल स्थित कुंडों में पर्व स्नान करने पहुंचेंगे, लेकिन कालियादेह महल से 500 मीटर दूर तक शिप्रा नदी सूखी होने, दो कुंडों में कीचड़ी युक्त बदबूदार पानी भरा होने और यहां फैली अव्यवस्थाओं की खबर अक्षर विश्व द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आया।

सुबह संभागायुक्त, आईजी, कलेक्टर, एसपी और निगम आयुक्त द्वारा कालियादेह महल 52 कुंडों की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि भूतड़ी अमावस्या पर श्रद्धालुओं को फव्वारों में स्नान कराएंगे और इसके बाद आने वाली पंचक्रोशी यात्रा के दौरान अधिक व्यवस्थाएं जुटा ली जाएंगी।

भूतड़ी अमावस्या के दूसरे दिन शिप्रा नदी में गुड़ी पड़वा का पर्व स्नान होना है। दोनों ही पर्वों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु कालियादेह महल और अगले दिन शिप्रा नदी के घाटों पर पहुंचेंगे। पीएचई विभाग द्वारा शिप्रा नदी में पहले से मौजूद गंदे, मटमैले और बदबूदार पानी को बदलने के लिये गऊघाट पाले पर रुके हुए पानी को छोड़ा गया है।

इस कारण शिप्रा नदी के जलस्तर में कुछ वृद्ध अवश्य हुई है, लेकिन धीमी गति से पानी छोडऩे के कारण गंदगी घाटों व किनारों पर पहुंच गई है। पीएचई अधिकारियों का दावा है कि रामघाट से लेकर ऋणमुक्तेश्वर, ओखलेश्वर, कालभैरव, गंगाघाट, मंगलनाथ घाट, सिद्धवट तक गऊघाट से छोड़ा गया पानी साफ व स्वच्छ है, लेकिन हकीकत यह है कि रामघाट बड़े पुल के आगे से नदी में वही गंदा, मटमैला और बदबूदार पानी है जो पूर्व में था क्योंकि गऊघाट बैराज पर करीब डेढ़ माह से रुका हुआ पानी भी दूषित हो चुका था और इसी पानी को छोड़ा गया है।

पानी छोडऩे का फायदा नहीं

प्रशासन द्वारा दावा किया गया था कि भूतड़ी अमावस्या और गुड़ी पड़वा पर श्रद्धालुओं को नर्मदा के पानी से स्नान कराया जायेगा, लेकिन दो दिनों पहले शिप्रा बैराज से 100 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया था वह मटमैला और गंदगी युक्त होकर त्रिवेणी बैराज तक पहुंचा है।

इस पानी को गऊघाट व त्रिवेणी पर रोका गया है। जबकि गऊघाट बैराज का पानी जो पहले छोड़ा गया था वह अब तक कालियादेह महल तक नहीं पहुंचा है। ऐसे में कुंडों पर लगे फव्वारों को कुंड से करीब 500 मीटर दूर सिद्धवट तरफ रुके शिप्रा के पानी से चलाया जायेगा।

यह हो सकता है उपाय

कालियादेह महल के 52 कुंडों में साफ पानी की समस्या है। ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के अधिकारियों द्वारा यहां से 500 मीटर दूर तक पाइप के माध्यम से कुंड तक पानी लाया जा रहा है, जबकि कुंड के आसपास खुली जगह पर बोरिंग लगाकर फव्वारों से जोड़ा जा सकता है।

जिस प्रकार सोमवती अमावस्या पर सोमकुंड के आसपास बोरिंग करने के बाद उन्हें फव्वारों से जोड़ा गया था। श्रद्धालु कुंड में स्नान के बाद बोरिंग के साफ पानी से फव्वारों के माध्यम से स्नान कर सकते हैं।

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